दर्द भरी शायरी| 11| ojaswi sharma

              

 Quote Friendship shayari,

Poem तेरी दोस्ती तो मेरे लिए खुदा है....

 चैन से सोने नहीं देती मुझे
 कुछ करने की ख्वाहिशें। 
और लोग समझते हैं कि मेरी 
 नींदों का कत्ल किसी की.... 
यादों ने किया है। 



 अनकहे अधूरे लफ्जों का वास्ता हूं, 
पूरी होकर भी एक ना मुकम्मल दास्तां हूं। 
चोट पहुंचाने पर कुछ इस कदर तुली है, 
 यह दुनिया जैसे...... 
सरकारी हुकूमत का मैं कोई रास्ता हूं। 


  दुश्मनियों से तो तबाही की पुरानी रिश्तेदारी है, 
अगर आज मैं तबाह हूँ, तो कल तेरी बारी है। 




 हां यह सच है कि मैं रोती बहुत हूं... 
क्योंकि झूठ का रंग हमने 
चेहरे पर कभी लगाया नहीं। 
कि जिसके उतर जाने के खौफ से, 
दिल खोल के रोए भी नहीं। 



 जमीनों की लड़ाई में दुश्मन ने, 
  झोली में अब मेरी मौत भर दी। 
उसे लगा जैसे हार गई मैं... 
पर उसने तो दो गज जमीन, 
हमेशा के लिए मेरे नाम कर दी। 



 खून करते देखा है कई बार मैंने उसे 
दूसरों की खुशी के लिए खुद की
 ख्वाहिशों का.... वजह पूछी तो बोले, 
 यह दुनिया ऐसे कातिलों को.... 
मसीहा कहती है। 

 

बिना वजह कोई आंख दिखाएं, 
तो टकराना भी जरूरी है। 
हुनर होना ही काफी नहीं है, 
हुनर है तो दिखाना भी जरूरी है। 



 
यूं तो हर मौसम का एक नशा होता है, 
बस लोग समझ नहीं पाते
 भीगी बरसात ए तो यूं ही बदनाम है... 
 की भीगी बरसाते तो यूं ही बदनाम है, 
हम तो गर्मियों में भी पकौड़े बड़े शौक से खाते हैं।

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